अम्बिकापुर@कला केंद्र मैदान में किया गया रावण के पुतले का दहन

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बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी उत्साह से मनाया गया,पैलेस में किया गया शस्त्रपूजन

अम्बिकापुर 16 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयदशमी शुक्रवार को उत्साह और श्रद्धापूर्वक मनाया गया। लोगों ने बुराई के प्रतीक रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतले दहन के साथ सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का संकल्प लिया। हालांकि कोरोना काल व प्रशासनिक गाइडलाइन के कारण पिछले 2 वर्षों से पूर्व वर्षों की तरह आयोजन नहीं किए जा रहे हैं। प्रशासनिक गाइडलाइन के अनुसार सांकेतिक रावण के पुतले का दहन कार्यक्रम का आयोजन शहर के कला केंद्र मैदान में किया गया है। जबकि वर्षों से यह आयोजन भव्य रुप से पीजी कॉलेज ग्राउंड में किया जाता था। वर्षों से जहां पीजी कॉलेज ग्राउंड में 80 फीट के रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतले का दहन किया जाता था। इस दौरान आतिशबाजी से पीजी कॉलेज ग्राउंड गूंज उठता था। आयोजन में शामिल होने के लिए ग्रामीण व शहरी क्षेत्र से हजारों लोग पहुंचते थे। पर पिछले 2 वर्षों से कोरोना संक्रमण काल के कारण भव्य आयोजन पर रोक लगा दिया गया है। इस वर्ष भी पिछले वर्ष की तरह है कला केंद्र मैदान में 15 फीट के रावण, कुंभकरण व मेघनाद के पुतले का दहन किया गया।

विजयदशमी पर नहीं निकली शोभायात्रा

दशहरा के दिन गाजे-बाजे के साथ राम मंदिर अंबिकापुर से भव्य शोभायात्रा निकाली जाती थी। शोभा यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए कालेज मैदान पहुंचती थी। जहां आतिशबाजी के बीच रावण, मेघनाथ व कुंभकर्ण के पुतले का दहन किया जाता था। शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग रावण दहन कार्यक्रम में शामिल हुआ करते थे। लेकिन पिछले दो वर्ष से कोरोना संक्रमण के कारण कोई आयोजन न होने के कारण विजयादशमी का पर्व फीका रहा।

पैलेस में परंपरा अनुसार किया गया शस्त्रपूजन

कोरोना संक्रमण के चलते पिछले वर्ष आम जनों के लिए सरगुजा पैलेस के द्वार भी बंद थे। इस वर्ष भी पूर्व की तरह आयोजन नहीं दिखा। राज परिवार के मुखिया प्रदेश के कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ पैलेस में शस्त्र पूजन किया। सरगुजा की राजसी परंपरा में दशहरे का खास महत्व है। आजादी से पहले सरगुजा राजपरिवार के दशहरे का वैभव इतिहास में दर्ज है। सरगुजा पैलेस का दशहरा आम जनों के लिए खास होता है। संभाग भर से बड़ी संख्या में लोग दशहरा के दिन पैलेस पहुंचते हैं और परंपरा अनुसार राजा के दर्शन कर नजराना देते हैं। किंतु पिछले दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के कारण पैलेस में पूर्व की तरह भीड़ नहीं देखी गई। विजयादशमी पर पैलेस प्रांगण में सुबह सरगुजा महाराज टीएस सिंहदेव व युवराज आदित्येश्वर शरण सिंहदेव ने राजपुरोहित व बैगा की मौजूदगी में शस्त्रपूजन किया। इसके बाद नगाड़ों की पूजा किया गया।


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