छत्तीसगढ़ के 400 किसान जिन्होंने आत्महत्या कर ली उनको कब देंगे राहत मुख्यमंत्री
रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 10 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। छत्तीसगढ़ के 400 किसान जिन्होंने आत्महत्या कर ली उनको कब देंगे राहत मुख्यमंत्री जी, यह सवाल उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी घटना में मृतकों को 50 लाख का मुआवजा छत्तीसगढ़ सरकार के खजाने से देने के संदर्भ में उठाते हुए भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी की घटना दुखद है और उसकी वह निंदा भी करते हैं वहीं उन्होंने यह भी कहा कि वहां की सरकार मामले में मजिस्टि्रयल जांच कराने का आदेश दे चुकी है वहीं मामले में कोई दोषी बक्शा नहीं जाएगा यह भी वहां की सरकार ने सपष्ट कर दिया है साथ ही घटना में मृतकों के परिजनों को मुआवजा व नौकरी का भी ऐलान वहां की सरकार कर चुकी है, लेकिन उत्तरप्रदेश जाकर मुआवजा घोषित करने वाले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अपने प्रदेश के किसानों की आत्महत्याओं या अन्य पीçड़तों के मामले में किसी तरह का मुआवजा या राहत देने की बात नहीं करते यह साबित करता है कि उत्तरप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए वह शुरुआती तैयारी कर रहें हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किसान मोर्चा ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री को पहले अपने राज्य की जनता की फिक्र होनी चाहिए राजनीति करने का और भी समय व अवसर उन्हें मिल जाएगा।
अनुकम्पा नौकरी मामले में भी वेतन कटौती
किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्यमंत्री खुद को संवेदनशील बताने की कोशिश कर रहें हैं जबकि अपने ही प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने कोरोना बीमारी से मृत शासकीय कर्मचारियों के परिवार के आश्रित सदस्यों के अनुकम्पा नियुक्ति मामले में उनके वेतन को ही तीन साल के लिए काटने का निर्णय लिया है। किसान मोर्चा भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के द्वारा उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले में पीçड़तों को 50 लाख मुआवजा देने की घोषणा पर यह कहते हुए भी तंज कसा की मुख्यमंत्री को पहले छत्तीसगढ़ की आम जनता के हितों का ध्यान रखना चाहिए अपने प्रदेश की जनता का दुख दर्द सुनकर उसमे सहयोग करना चाहिए आज अनुकम्पा मामलों में जिसमे शासन का सपष्ट उद्देश्य ही यही होता है कि मृतक शासकीय सेवक के परिवार के आश्रित सदस्यों को जीवन यापन में कठिनाई न हो मामले में भी यह निर्णय लेकर की उनके वेतन भत्तों से तीन वर्षों तक कटौती की जाएगी और ऐसा प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से निर्णय लिया गया है ऐसा करना तब गलत है जब आप अन्य प्रदेशों में जाकर राहत राशि वितरित कर रहें हैं। सबसे पहले अपने प्रदेश के लोगों का दुख दर्द दूर करने की मांग करते हुए किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री जी को प्रदेश के अनन्य मामलों में प्रभावित लोगों के दुख दर्द समझकर उनका निपटारा करना चाहिए। अन्य प्रदेश में केवल प्रभारी बना दिये जाने व अपनी कुर्सी जो ढाई साल के फार्मूले अनुसार कांग्रेस आलाकमान के निर्णय पर टिकी हुई है को बचाने के लिए अलाकमान को प्रसन्न करने के उद्देश्य से ऐसी घोषणा की गई जो कि एक तरह से गलत है। अन्य प्रदेशों के मामले में एक राज्य सरकार का इस तरह का हस्तक्षेप कतई सही नहीं कहा जा सकता।
मुख्यमंत्री को कुर्सी खिसकने का डर, कहीं घोषणा राष्ट्रीय छवि बनाने प्रयास तो नहीं था
किसान मोर्चा भाजपा प्रदेशाध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने जिस तरह से उत्तरप्रदेश में छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से राहत राशि का भुगतान किया वह राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि बनाने के प्रयास जैसा माना जा सकता है वहीं चूंकि उनकी कुर्सी फिलहाल अलाकमान के निर्णय पर ही टिकी हुई है इसलिए भी वह कांग्रेस आलाकमान को खुश करने के लिए ऐसी घोषणा कर गए जो प्रदेश की जनता के साथ अन्याय है क्योंकि प्रदेश के मामलों में मुख्यमंत्री का त्वरित निर्णय नहीं आता दिखाई देता कभी। उन्होंने यह भी कहा हो सकता है कि मुख्यमंत्री जी को अब अलाकमान ने यह भी कह दिया हो कि आपकी अब राष्ट्रीय स्तर पर जरूरत और अब छत्तीसगढ़ में ढाई साल का वचन पूरा किया जाएगा इसलिए भी उनसे इस तरह की राष्ट्रीय स्तर की घोषणा कराकर उनको राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जा रही है।
किसानों की आत्महत्या पर क्यों नहीं दिया मुआवजा
किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जिन किसानों ने आर्थिक तंगी और कर्ज की वजह से आत्महत्या की उन्हें क्यों मुआवजा नहीं दिया जबकि आप यह उत्तरप्रदेश राज्य मामले में जाकर मुआवजा दे रहें हैं। अपने प्रदेश के किसानों की सुध लेने की बजाय आप अन्य प्रदेश में जाकर प्रदेश सरकार की तरफ से मुआवजा वितरण कर रहें हैं, पहले अपने प्रदेश की चिंता करें मुख्यमंत्री जी।