अम्बिकापुर @ सुप्रीमकोर्ट की सख्त जुलाब के बाद हत्यारोपी मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा बिल से निकलकर पहुचा क्राइम ब्रांच

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डॉ. राजकुमार मिश्र-
अम्बिकापुर, 09 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। शुक्रवार को सुप्रीमकोर्ट की जबरदस्त फटकार के बाद भारत सरकार के गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा के हाथपांव फूल गए और आज वह अज्ञातवास के बिल से निकलकर क्राइमब्रांच के दफ्तर में अपने मंत्री पापा के साथ हाजिर होगया।याद रहे 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से रौंद कर हताहत करने के बाद फरार हो जाने के गम्भीर आरोप ( 302 व 307 समेत अन्य कुछ धाराओं के तहत)आशीष के खिलाफ दर्ज हैं।
क्राइमब्रांच में एसआईटी के सभी छह अफसरों समेत लखीमपुर खीरी के अनुभागीय दंडाधिकारी(एसडीएम) के समक्ष आशीष के बयान को धारा 164 के तहत दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की गई।दूसरी तरफ क्राइम ब्रांच के दफ्तर के बाहर मंत्रीपुत्र के सैंकड़ो समर्थक भाजपाई उसके समर्थन में नारेबाजी करते रहे और बार बार अपने हत्यारोपी बेटे को ” फंसाया गया निर्दोष मासूम” बताते रहे।याद रहे चार किसानों समेत आठ लोगो को गाड़ी से कुचलकर मार डालने के आरोपी बेटे के पिताजी ने हत्याकांड के एक दिन पहले ही भरी सभा मे यह धमकी दी थी कि नेता और मंत्री बनने से पहले वह खुद इतने खतरनाक दादाभाई थे कि अब भी अगर उन्हें गुस्सा आ गया तो आंदोलन कर रहे किसानों को लखीमपुर खीरी ही नही धरती को ही छोड़ देना पड़ जाएगा।कहा जाता है कि मोदी जी की सरकार के मंत्री की ऐसी खूनी धमकी से दुखी होकर किसानों ने 3 अक्टूबर को शांतिपूर्वक विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया था।
अबतक सामने आए अनेक वीडियोज में एक भी ऐसा नही है जो साबित करे कि प्रदर्शनकारी किसान जरा भी उग्र रहे होंगे।उल्टे वे सड़क से गुजर रहे भाजपा के झंडे लगे वाहन को शांतिपूर्वक रास्ता देते दिख रहे थे।ऐसे में उनपर पीछे से तेज रफ्तार गाड़ी चढ़ाकर आठ लोगो को मार डालने के शर्मनाक और गम्भीर आरोप आशीष मिश्रा पर दर्ज किए गए जिसे उसके मंत्री पिता लगातार “बेवजह फंसाने की साजिश” बताते हुए बारबार मीडिया के सामने आते रहे हैं।उनका दावा है कि आशीष तो घटनास्थल पर मौजूद ही नही था,वह तो उनके साथ पूर्व निर्धारित सार्वजनिक प्रोग्राम में सैकड़ों लोगों के सामने मंच पर था।
याद रहे,खुद को भयंकर दादा बतानेवाले केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा पर हत्या के आरोप पर हाईकोर्ट ने अपना निर्णय तीन सालों से–2018 से ही-सुरक्षित रख छोड़ा है ।यह स्थिति अपने आप मे एक बड़ा सवाल बनी हुई है।अब मंत्री यह कह रहे है कि उनके सीनियर गृहमंत्री अमित शाह उनसे कहा चुके है कि इस्तीफा देने की कोई जरूरत नही है।जबकि कांग्रेस समेत सारे विपक्षी दल एक स्वर से यही मांग कर रहे हैं कि मंत्री पद से हटे या हटाए बगैर आरोपी बेटे पर लगे इल्जामों की निष्पक्ष जांच सम्भव नही हो सकती।
सिद्धू का धरना खत्म
3 अक्टूबर को कुचलकर मारे गए 8 इंसानों में एक पत्रकार भी शामिल था।पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू दिवंगत पत्रकार के संतप्त परिवार से मिलने शुक्रवार को पहुंचे थे और सारी बात जानकर खुद इतने व्यथित हुए कि आशीष की गिरफ्तारी की मांग करते हुए वहीं पर धरने पर बैठ गए।आज आशीष के पकड़ में आ जाने की खबर मिलने पर दोपहर को उंन्होने अपना धरना समाप्त कर दिया।


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