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बैकुंठपुर@चिरिमिरी जिला बनाओ संघर्ष समिति सत्याग्रही पदयात्री आज पहुंचेंगे राजधानी

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कल हो सकती है प्रदेश के मुखिया से मुलाकात, मुख्यमंत्री के समक्ष रखेंगे अपनी बात13 दिन से लगातार पैदल चलते हुए पहुंचेंगे राजधानी रायपुर सत्याग्रही पदयात्री

क्या प्रदेश के मुखिया मिलेंगे और सुनेगें सत्याग्रहि पदयात्रियों की फरियाद? चिरिमिरी नगर निगम को नवीन जिले के जिला मुख्यालय बनाये जाने की है मांग

विधायक का नहीं मिल रहा शहरवासियों को समर्थन, अब उम्मीद प्रदेश के मुखिया से

बैकुंठपुर 07 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। चिरिमिरी नगर निगम क्षेत्र में नवीन जिला एमसीबी का जिला मुख्यालय स्थापित कर विस्थापन व पलायन का दंश झेलते हुए लगभग धीरे धीरे आबादी हिसाब से भी सिमटते चिरिमिरी नगर निगम क्षेत्र को बचाने, पलायन को रोकने के लिए भी आवश्यक मांग को लेकर चिरिमिरी के जिला मुख्यालय बनाओ संघर्ष समिति के 40  सत्याग्रही पदयात्री 13 दिनों से पदयात्रा पर हैं और वह चिरिमिरी से राजधानी रायपुर पैदल चलकर 14 वें दिन प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मिलकर अपनी मांगों के संदर्भ में शहरवासियों की तरफ से निवेदन पत्र सौपेंगे। चिरिमिरी क्षेत्र के 40 सत्याग्रही पदयात्रियों का 9 अक्टूबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री से मुलाकात की संभावना है। बता दें कि देश के 75 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जिलों का विकेंद्रीकरण करते हुए 4 नए जिलों की घोषणा की जिसके बाद प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़कर 32 हो गई वहीं नवीन जिला मनेंद्रगढ़ की घोषणा के बाद से ही एक नए तरीके का विवाद शुरू हो गया जो थमता नजर नहीं आ रहा है।

एक तरफ जिले की घोषणा के बाद नाम को लेकर विरोध जारी हुआ जिसमें चिरिमिरी और भरतपुर का नाम जोड़कर जिले को फिर से नया नाम देना शासन की मजबूरी बनी और जिसके लिए मनेंद्रगढ़ व भरतपुर सोनहत विधायक सक्रिय नजर आते दिखाई दिए व गाड़ियों का जत्था लेकर एमसीबी नवीन जिले का नामकरण कराने प्रदेश के मुख्यमंत्री तक पहुंचे थे, वहीं नवीन जिले के गठन के बाद से ही शेष क्या रह जायेगा पुराने जिले कोरिया में इसको लेकर डेढ़ माह से जिला मुख्यालय कोरिया में भी अस्तित्व बचाओ धरना व अनशन जारी है।

कठिन तपस्या का क्या मिलेगा परिणाम

एक तरफ नवीन जिले में नाम संसोधन के लिए विधायकों ने गाड़ियों से रायपुर पहुंचकर क्षेत्रवासियों के साथ मुख्यमंत्री से मुलाकात कर नाम मे संसोधन कराया वहीं 26 सितम्बर से पैदल यात्रा कर 350 किलोमीटर का लंबा सफर पूरा कर राजधानी पहुंचने जा रहे सत्याग्रही पदयात्रियों की टोली जिसने 13 दिनों तक अनवरत पैदल चलने का निर्णय केवल इसलिए लिया क्योंकि वह अपने क्षेत्र व शहर से लगाव रखतें हैं वही वह शहर का अस्तित्व बचाना चाहते हैं, 13 दिनों के सफर में पैदल चलने के दौरान उन्होंने अनेकों कठिनाइयां झेलीं और फिर भी चलते रहने का संकल्प पूरा किया और एक तरह से यह तपस्या भी है जो अपने तप को साबित कर कुछ पाने की लालसा का तप है वह भी जनकल्याण व क्षेत्र कल्याण इसका मूल है,अब देखने वाली बात होगी कि आखिर मुख्यमंत्री व प्रदेश के मुखिया उनके तप का क्या उपहार या वरदान उन्हें देते हैं।

पदयात्रा में यह है शामिल

संजय सिंह, शाहिद महमूद, परवेज मोहम्मद, इसरार मोहम्मद, मनिंद्र हम्मा मिश्रा, रवि शुक्ला, नरेंद्र प्रधान, राजेश गुप्ता, ज्ञान चंद दुबे, वसीम अहमद, प्रताप अविकारी, राज कुमार पनिका, चंदन गुप्ता, शत्रुघ्न कश्यप, विक्की नाहक, शेख कलीम, शेख नसरुद्दीन, मुनीर खान, संतन चौहान, मैनुद्दीन देशमुख, पूरन गुप्ता, पुरुषोत्तम सोनकर शांतम केसरवानी, विनोद साहू, सोनू दुबे, सुशांत सोंघीय, योगेश शुक्ला, अरविंद जैन, अनुराग यादव, धर्मजय चौधरी, नदीम, असमद, दयाली कुमार, दिलीप साहू।

सत्याग्रही पदयात्री रखेंगे अपनी मांग

चिरिमिरी नगर निगम को जिला मुख्यालय बनाकर चिरिमिरी के समाप्त हो रहे अस्तित्व को बचाने की मांग सत्याग्रही पदयात्री प्रदेश के मुख्यमंत्री के समक्ष मांग रखेंगे। उनकी मांग होगी कि जिला मुख्यालय यदि चिरिमिरी में स्थापित होता है तो चिरिमिरी का पलायन रुक सकेगा व शहर का अस्तित्व बचा रह सकेगा।

विधायक का नहीं मिल रहा साथ

मनेंद्रगढ़ विधायक का चिरिमिरी जिला मुख्यालय संदर्भ में समर्थन नहीं मिल रहा है वह लगातार ट्विन सिटी की बात कह रहे हैं जबकि चिरिमिरी व मनेंद्रगढ़ ट्विन सिटी बन सकेगा इसमे वन भूमि व भौगोलिक दृष्टि की वजह से भी कठिनाई आएगी यह चिरिमिरी वासी जान रहें हैं इसीलिए वह पदयात्रा कर सत्याग्रह की राह पर निकल पड़े हैं।

मनेंद्रगढ़ वासी फिलहाल मौन

मनेंद्रगढ़ शहरवासी फिलहाल मौन हैं उन्हें विश्वास है मनेंद्रगढ़ ही जिला मुख्यालय बनेगा और चिरिमिरी से मनेंद्रगढ़ की दूरी भी कम है इसलिए बाद में चिरिमिरी वासी मान जाएंगे।

मुख्यमंत्री हैं प्रदेश से बाहर

वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश से बाहर हैं और वह सत्याग्रही पदयात्रियों से कब मिल सकेंगे इसबात को लेकर संशय है।वैसे 14 वें दिन मुलाकात है भरोसा सत्याग्रही पदयात्रियों को जरूर है।

क्षेत्रीय विधायक की उपस्थिति पर रहेगी नजर

चिरिमिरी वासियों की नजर इस बात पर भी टिकी रहेगी कि 13 दिनों से पदयात्रा कर रहे सत्याग्रही पदयात्रियों के साथ क्षेत्रीय विधायक प्रदेश के मुखिया से भेंट करते हैं कि नहीं क्योंकि विधायक आखिर किस जगह जिला मुख्यालय को लेकर सहमत हैं इसी बात से स्पष्ट होगा।

नवीन जिला मामला खटाई में न पड़ जाए

पूरे मामले में नवीन जिला एमसीबी मामला खटाई में न पड़ जाए,कहने का मतलब यह है कि जिस तरह से संयुक्त जिले में जगह जगह आंदोलन जारी है वहीं कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष ने जिस तरह जिला दौरे के दौरान यह बयान दिया कि आयोग का गठन न करना पड़ जाए को देखते हुए ऐसा लगने भी लगा है।

सत्याग्रहि पदयात्रियों में कुछ का आज से उपवास

चिरिमिरी को एमसीबी जिले का मुख्यालय बनाने की मांग को लेकर रायपुर राजधानी पैदल यात्रा पर निकले सत्याग्रहि पदयात्रियों में कुछ का आज शारदेय नवरात्रि आरंभ होने की वजह से उपवास रहने वाला है वहीं अब वह आगे की यात्रा नंगे पैर करने वाले हैं यह भी खबर मिल रही है।


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