अम्बिकापुर 02 अक्टूबर 2021 (घटती-घटना)। अंबिकापुर में अंशकालीन सफाई कर्मचारियों द्वारा नियमितीकरण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान संभाग भर से आए हजारों अंशकालीन सफाई कर्मचारियों ने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के निवास का घेराव किया। अंशकालीन सफाई कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेती तब तक वे चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करते रहंगे।
सरगुजा जिला मुख्यालय अंबिकापुर में गांधी जयंती के अवसर पर अंशकालीन सफाई कर्मचारियों द्वारा एक सूत्रीय मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया गया। इस दौरान संभाग भर से आए हजारों अंशकालीन सफाई कर्मचारी शामिल हुए। दरअसल अंशकालीन सफाई कर्मचारी की मांग है कि उन्हें नियमित कर्मचारी किया जाए। वर्तमान में अंशकालीन सफाई कर्मचारियों को 23 सो रुपए मानदेय दिया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि इतने कम वेतन में उनका जीवन यापन नहीं हो पा रहा है। जबकि कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में वायदा किया था कि सरकार बनते ही अंशकालीन सफाई कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा। लेकिन कांग्रेस सराकर के पौने 3 साल बीतने के बावजूद सरकार अंशकालीन सफाई कर्मचारियों को नियमित नहीं कर सकी है और न ही उन्हें कलेक्टर दर पर वेतन मिल रहा है। इसके विरोध में संभाग भर से आए हजारों अंशकालीन कर्मचारियों ने धरना प्रदर्शन का आयोजन किया। साथ ही शहर में रैली निकालकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के निवास का घेराव किया। अंशकालीन सफाई कर्मचारियों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेती है तब तक वह अपनी इस मांग को लेकर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करते रहेंगे।
आवाज से पहले ही कर दी गई थी बैरिकेटिंग
संभाग भर के सैकड़ों की संख्या में अंशकालीन सफाई कर्मचारी अंबिकापुर शहर में रैली निकालकर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव के आवास का घेराव करने पहुंचे थे। रिलायंस पेट्रोल पंप स्थित तपस्या स्वास्थ्य मंत्री आवास से पहले ही पुलिस द्वारा बैरिकेटिंग की गई थी। प्रदर्शनकारियों को आवाज से पूर्वी रोक दिया गया था। इस स्थिति में प्रदर्शनकारियों ने चिलचिलाती धूप में सड़क पर बैठ गए और नियमितीकरण की मांग को लेकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
चुनाव के समय की गई घोषणा नहीं की गई पूरी
प्रदर्शन कर रहे सफाई कर्मचारियों ने चुनाव के समय कांग्रेस सरकार द्वारा नियमितीकरण करने की घोषणा की गई थी। लगभग ढाई साल बीत जाने के बावजूद भी नियमितीकरण को लेकर कोई पहल नहीं किया जा रहा है। नियमितीकरण की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है इसके बावजूद भी सरकार मेरी बातों को नहीं सुन रही है।