नायब तहसीलदार का नायाब कारनामा
रवि सिंह-
बैकु΄ठपुर 27 सितम्बर 2021 (घटती-घटना)। उप तहसील कार्यालय पटना का मामला जहां रजिस्ट्रार ने बिना दस्तावेज जांचे पटवारी के गलत चौहद्दी पर रजिस्ट्री कर दी, जबकि उस जमीन पर अटल आवास 2019 में स्वीकृत हुआ था और रजिस्ट्री के जो नियम है उसके अनुसार अटल आवास वाली जमीन को 5 साल तक नहीं बेचा जा सकता उसकी रजिस्ट्री नहीं हो सकती पर यहां रजिस्ट्रार ने रजिस्ट्री कर दी और नायब तहसीलदार ने चौहद्दी में अटल आवास होने की जानकारी छुपा दी, वही नायाब तहसीलदार का नायाब कारनामा अटल आवास वाले जमीन का पंचनामा व चौहद्दी जांच किए बिना, नामांतरण आदेश जारी कर दिया गया, आदेश जारी होने की जानकारी भी मिल रही है पर अभी राजस्व विभाग के भूअभिलेख ऑनलाइन साइट पर रजिस्ट्री ऑनलाइन नहीं हुई है, पर पूरे मामले में रजिस्ट्रार और नायाब तहसीलदार की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही। मामला पटना के झुमरपारा का बताया जा रहा है। मामले में जिस तरह से रजिस्ट्री के लिए तथ्य छुपाए गए हैं और जिस तरह से रजिस्ट्री व नामान्तरण का कार्य सम्पन्न किया गया है उससे साफ जाहिर है सभी कुछ सोची समझी रणनीति के तहत किया गया है।
उप तहसील पटना की कार्यप्रणाली है जांच का विषय
उप तहसील पटना की कार्यप्रणाली जांच का विषय है,यहां आए दिन कूटरचना कर जमीन संबंधी गड़बçड़यां की जा रहीं हैं जो कि इस ताजा मामले से उजागर भी हो रहा है। जांच किए जाने पर और भी गड़बçड़यां सामने आएंगी ऐसा अनुमान है।
इस विषय मे अटल आवास का मुझे पता नहीं,नामान्तरण रुकवाने का प्रयास करता हूँ- भीष्म पटेल नायब तहसीलदार उप तहसील पटना ने इस मामले में कहना है कि बिक्री की गई भूमि में अटल आवास होने का उन्हें पता नहीं है वहीं यदि ऐसा है तो नामान्तरण रुकवाने का प्रयास करता हूँ, वहीं उन्होंने यह भी कहा कि यदि नामान्तरण हो चुका होगा तो यह सिविल न्यायालय का मामला हो चुका होगा और वहीं से निराकृत होगा।